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स्वतंत्रता की ६८ वीं वर्षगाँठ पर मोदी जी का भाषण ,ऐसा लगा जैसे कोई घर का मुखिया घर को ब्यवस्थित रखने की बात कह रहा हो !
मैंने वर्षो के बाद आज किसी को सुना जो अपने देश में ,अपने देश के लोगों के लिए ,उनकी खुशिया वापस लाने की बात की बात की ,आज के
भाषण में कोई विदेश की बात नहीं थी !
मेक इन इंडिया !
हमारे प्रधान मंत्री जी ने जोर देकर यह कहा ,देश की हर कमी को छुआ और दूर कर सकतें हैं ऐसा विश्वास दिया !
ऐसा ऊर्जावान संवाद पहले नहीं सुना ,ऐसा प्रेरक ,जीवंत और उद्वोधित भाषण जिसमे भरोसा झलकता है !
जैसे तिरंगा ही कह रहा हो की –
मेरे देश वासियों सब लोग उठो मैं साथ हूँ हम गरीबी ,भ्र्ष्टाचार ,अपराध सब खुछ अपने देश से हटा देंगे !
एक दिन अवश्य हम ऐसा करके रहेंगे !
कोई उपदेश नहीं ,सब्जबाग नहीं सिर्फ सहज कर्म की बात कही ,ऐसा लगा ये तोह करना बड़ा आसान है !
पर सब को जागना होगा ये भी कहा !
आज लाल किला अवश्य मुस्कराया होगा कि- हम अपने स्वर्णिम भारत की तरफ निकल पड़े हैं !
हम एक दृढ संकल्पवान मुखिया जो मिला है जो हर नागरिक को एक पैगाम देता है कि तुम खुद को रक्षित महसूस करो !
आज अपने देश में आजादी कि वर्षगाँठ पर अपने देश कि बात हुई है ,हर वर्ग कि बात हुई है ,अपनी कमी को दूर करने कि
बात हुई है ,काम कि बात हुई है !
जय हिन्द -समस्त पाठको को ,मित्रो को !
मोदी जी …..लाल किले कि प्राचीर से
शकुन्तला मिश्रा (अभया )
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