Menu
blogid : 14516 postid : 761822

मेघ

saanjh aai
saanjh aai
  • 70 Posts
  • 135 Comments

अलि घिर आये मेघ घनेरे
धरा हरी ,वन पात घनेरे !
बादलों से घिरा दिनकर
अरुण किरणों को भगाकर !
टी कि ट, टिप -टिप मेघ बरसे
गान गाते सप्त सुर से !
बरसो आज खूब रसधार
दिखा मुझको भी निज संसार !
ह्रदय में मची आज हलचल
कही ले चल पागल बादल !

नदी भी आज हंसी खल-खल
बहेगी वर्षों यह कल कल !
देख कर नाचे बेकल मन
दिखा अम्बर में घोर सघन !

गर्जन ,वर्षण मूसलाधार
बांध लेगा सारा संसार !
कभी तो करे वज्र हुंकार
हो गए सजग सब सुप्तान्कुर !

shakuntla  -मेघ

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh